पौंग में जलस्तर कम, लेकिन सैकड़ों परिवार अब भी संकट में
फतेहपुर (कांगड़ा)। पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा नीचे आया है, लेकिन फतेहपुर और इंदौरा के कई गांव अब भी पानी से घिरे हुए हैं। जलस्तर घटने के बाद ये गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। जिला प्रशासन और स्थानीय लोग प्रभावित परिवारों तक नावों के जरिए राहत सामग्री पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
रविवार शाम 4 बजे तक बांध का जलस्तर 1392.13 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 1390 फीट से करीब 2 फीट ऊपर है। मौसम साफ रहने से इनफ्लो कम हुआ और आउटफ्लो भी घटकर 84,877 क्यूसिक रह गया। डाउनस्ट्रीम स्नबर पर इस समय 73,377 क्यूसिक पानी ब्यास नदी में बह रहा है।
लगातार पानी छोड़े जाने से फतेहपुर की रियाली पंचायत सहित दर्जनभर गांव और इंदौरा क्षेत्र के 26 गांव टापू में बदल गए हैं। इन गांवों का कांगड़ा से सड़क संपर्क टूट चुका है और लोग पंजाब के मुकेरियां व हाजीपुर मार्ग से लंबा रास्ता तय कर रहे हैं। जहां पहले 3 से 5 किलोमीटर की दूरी थी, अब वहां से गुजरने के लिए 60 किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है।
प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती ने कहा कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। समाजसेवी मंगल सिंह ने कहा कि टापू बने गांवों में प्राथमिकता के आधार पर राहत पहुंचाई जा रही है और स्थानीय लोग भी सक्रिय सहयोग दे रहे हैं।