पीएम मातृवंदना योजना में बिलासपुर अव्वल
बिलासपुर।19।08।2025
बिलासपुर: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के विशेष लाभार्थी पंजीकरण अभियान में हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला पूरे उत्तर भारत में अव्वल रहा है। 15 जुलाई से 15 अगस्त 2025 तक चले इस एक माह के अभियान में बिलासपुर ने 249% लक्ष्य पूरा किया और न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे उत्तर भारत में शीर्ष स्थान हासिल किया। यह उपलब्धि प्रशासनिक दक्षता, महिलाओं के प्रति जागरूकता और कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता का जीता-जागता प्रमाण है।
PMMVY पंजीकरण में बिलासपुर ने बनाया कीर्तिमान
बिलासपुर के उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि जिले ने लक्ष्य से ढाई गुना अधिक पंजीकरण कर देश के 766 जिलों में 26वां स्थान प्राप्त किया। अभियान के दौरान पात्र महिलाओं की पहचान, पंजीकरण और योजना से जोड़ने की प्रक्रिया बेहद व्यवस्थित और सुनियोजित रही।
सुनियोजित रणनीति और टीमवर्क से मिली सफलता
उपायुक्त ने इस सफलता का श्रेय जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मेहनत को दिया। जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा और उनकी टीम ने इस अभियान को मिशन की तरह लिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारी दिन-रात प्रयासरत रहे। राहुल कुमार ने सभी कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि सामूहिक प्रयास से और अधिक योजनाएं सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचेंगी।
पंचायत स्तर पर विशेष कैंप और घर-घर संपर्क
महिलाओं तक योजना की जानकारी पहुँचाने और उन्हें लाभ दिलाने के लिए हर पंचायत स्तर पर विशेष कैंप, घर-घर संपर्क और हेल्थ चेकअप के साथ पंजीकरण की व्यवस्था की गई। प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में बिलासपुर के बाद सिरमौर, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, मंडी, सोलन, किन्नौर, शिमला और लाहौल-स्पीति के जिलों ने अन्य स्थान हासिल किए।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य और लाभ
PMMVY का उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं को आर्थिक सहायता देना, बेहतर पोषण, स्वास्थ्य जांच और नवजात शिशु की देखभाल के लिए प्रेरित करना है। योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को ₹11,000 तक आर्थिक सहायता दी जाती है।
पहली किस्त: ₹3,000 – गर्भधारण की पुष्टि और प्रसव पूर्व जांच के बाद
दूसरी किस्त: ₹2,000 – बच्चे के जन्म और प्रथम टीकाकरण (BCG, OPV, DPT, हेपेटाइटिस-B) के बाद
तीसरी किस्त: ₹6,000 – केवल कन्या संतान के रूप में दूसरे जीवित बच्चे पर
महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
यह योजना न केवल पोषण और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि महिला और कन्या सशक्तिकरण में भी योगदान देती है। बिलासपुर की यह ऐतिहासिक उपलब्धि साबित करती है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति, योजनाबद्ध कार्य और जमीनी स्तर पर कर्मठ कार्यकर्ता मिलकर किसी भी योजना को सफल बना सकते हैं।
बिलासपुर की सफलता न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा और मॉडल बन सकती है।