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1282 दिन बाद भी जारी जंग, ट्रंप के सीजफायर शो फेल

रूस के मिसाइल हमले से दहला यूक्रेन

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रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 1282 दिन बीत चुके हैं, लेकिन इस युद्ध के थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संघर्ष को रोकने के लिए दो बार सीजफायर का मंच सजाया, मगर दोनों प्रयास नाकाम साबित हुए। न रूस हमले रोकने को तैयार है और न ही यूक्रेन पीछे हटने के मूड में है। वहीं यूरोपीय देशों के बयानों ने हालात को और ज्यादा तनावपूर्ण बना दिया है।

30 अगस्त की रात रूस ने यूक्रेन पर बड़ा मिसाइल और ड्रोन हमला किया, जिसकी पुष्टि यूक्रेनी वायुसेना ने की है। ज़ापोरिझिया, ड्नीप्रो, चेर्निहिव, लुत्स्क और चेरकासी जैसे कई शहरों में जोरदार धमाकों की आवाजें गूंजीं। बताया जा रहा है कि फ्रंटलाइन क्षेत्रों पर रूस ने क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जबकि पश्चिमी यूक्रेन में भी कई ड्रोन हमले किए गए। ड्नीप्रो में सुबह-सुबह कई धमाके सुने गए और ज़ापोरिझिया की एक रिहायशी इमारत पर मिसाइल गिरने से कम से कम तीन लोग घायल हुए हैं। यह हमला उस बड़े अटैक के केवल दो दिन बाद हुआ है जो 28 अगस्त को कीव पर हुआ था, जिसमें 25 नागरिकों की मौत हो गई थी और 63 लोग घायल हुए थे।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता के प्रयासों का भी इस युद्ध पर कोई असर नहीं पड़ा है। रूस ने साफ कर दिया है कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करेगा। इसी बीच यूक्रेन आने वाले सप्ताह में अपनी सुरक्षा गारंटी के मसौदे को अंतिम रूप देने की तैयारी कर रहा है। शांति वार्ता फिलहाल पूरी तरह ठप हो चुकी है और दोनों पक्ष पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।

यूरोपीय नेताओं के बयानों से भी हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं। हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्हें “लगातार खाने वाला राक्षस” और “शिकारी” बताया। रूस ने इन बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे अपमानजनक और अश्लील करार दिया। रूस के विदेश मंत्रालय ने यहां तक कह दिया कि इस तरह की भाषा किसी राष्ट्राध्यक्ष को शोभा नहीं देती।

स्पष्ट है कि लगातार मिसाइल और ड्रोन हमलों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति और ज्यादा भयावह होती जा रही है। सीजफायर की हर कोशिश अब तक असफल रही है और 1282 दिन बीत जाने के बाद भी इस युद्ध के खत्म होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। दोनों देशों के बीच तनाव जस का तस बना हुआ है और दुनिया एक लंबे युद्ध के खतरनाक नतीजों की गवाह बन रही है।

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