ट्रंप ने मानी नाकामी, बोले- रूस-यूक्रेन युद्ध रोकना था सबसे कठिन संघर्ष
वॉशिंगटन/08/09/2025
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस संघर्ष को रोकना उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती रही और वे इसे समाप्त करने में नाकाम रहे। ट्रंप ने कहा कि चुनावी वादों में उन्होंने दावा किया था कि राष्ट्रपति बनने के 24 घंटे के भीतर इस युद्ध को रोक देंगे, लेकिन यह उनका अधूरा वादा रह गया।
व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में अमेरिकी कांग्रेस के साथ आयोजित डिनर में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने सात युद्धों को रोका, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध सबसे कठिन साबित हुआ। उन्होंने माना कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनके निजी रिश्ते भी इस संघर्ष को समाप्त करने में मददगार नहीं साबित हुए। ट्रंप ने कहा, “जिस युद्ध को मैंने सबसे आसान समझा था, वही सबसे मुश्किल निकला।”
ट्रंप ने रूस पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि वे पुतिन के खिलाफ और कड़े कदम उठाने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि युद्ध समाप्त करने के लिए कई बार प्रयास किए गए, जिनमें अगस्त में आयोजित अलास्का शिखर सम्मेलन भी शामिल था, लेकिन कोई औपचारिक समझौता नहीं हो सका।
भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर भी ट्रंप ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका का रिश्ता हमेशा खास रहेगा और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हमेशा दोस्त बने रहेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि मौजूदा परिस्थितियों में उन्हें मोदी की कुछ नीतियां पसंद नहीं आ रही हैं, लेकिन दोनों देशों के रिश्तों को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है।
ट्रंप के इस बयान से साफ है कि उनकी सबसे बड़ी चुनावी प्रतिज्ञाओं में से एक — रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने का वादा — अब तक अधूरा है और यह उनकी राजनीतिक नाकामियों में गिना जा रहा है।