सहारा निवेशकों को सुप्रीम कोर्ट से 5000 करोड़ की बड़ी राहत
सहारा इंडिया के लाखों निवेशकों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राहत भरी खबर सुनाई है। अब सहारा समूह की सहकारी समितियों में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को उनका अटका हुआ पैसा वापस मिल सकेगा। कोर्ट ने सेबी-सहारा खाते से अतिरिक्त 5000 करोड़ रुपये जारी करने की अनुमति दे दी है। इस फैसले से उन निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी जिनके पैसे लंबे समय से सहारा की योजनाओं में फंसे हुए थे।
यह फैसला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सुनाया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 को जारी किए गए 5000 करोड़ रुपये के वितरण की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दिया है।
अब तक के आँकड़ों के अनुसार, करीब 5.43 करोड़ निवेशकों ने 1,13,504.124 करोड़ रुपये का दावा किया है। इनमें से 26,25,090 जमाकर्ताओं को कुल 5,053.01 करोड़ रुपये वापस किए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि लाखों निवेशकों को अभी भी अपने पैसे का इंतजार है।
गौरतलब है कि यह पूरा मामला साल 2012 से चल रहा है। अगस्त 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड को आदेश दिया था कि वे निवेशकों का पैसा लौटाएं। इसके लिए सेबी-सहारा एस्क्रो अकाउंट बनाया गया था, जिसके जरिए धीरे-धीरे निवेशकों को भुगतान किया जा रहा है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि राशि वितरण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी न्यायमूर्ति रेड्डी करेंगे। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल और सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक इस निगरानी प्रक्रिया में सहयोग करेंगे।
यह फैसला निवेशकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है और लंबे समय से फंसे उनके पैसों की वापसी की उम्मीद को मजबूत करता है।