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एससीओ सम्मेलन में पीएम मोदी का बड़ा कदम: पाकिस्तान पर आतंकवाद का मुद्दा उठाया

तियानजिन/01/09/2025

pm chinaindia

चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से घेरा। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की और सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान लम्बे समय से भारत में आतंक फैलाने के लिए आतंकवादी गतिविधियों का सहारा ले रहा है, जो न केवल भारत बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद से भारत और चीन दोनों प्रभावित हैं, और यह समय की मांग है कि दोनों देश मिलकर इस समस्या से लड़ें। उन्होंने कहा कि भारत की प्राथमिकता आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना है, और इस दिशा में सहयोग की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री की इस बात का चीन ने भी समर्थन किया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में चीन भारत के साथ खड़ा है। यह बयान भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टि से बड़ी सफलता माना जा रहा है।

सीमा पार आतंकवाद पर खुलकर बोला भारत सम्मेलन के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि “प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह समस्या न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है।” उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने चीन को इस बात से अवगत कराया कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादी समूहों को समर्थन दे रहा है और भारत इसका शिकार रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने चीन से अपील की कि दोनों देश इस मुद्दे पर एकजुट होकर काम करें ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके। SCO जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को उठाना यह दर्शाता है कि भारत अब आतंकवाद पर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतने वाला है।

भारत-चीन सीमा विवाद पर भी हुई बातचीत बैठक में भारत-चीन सीमा विवाद और द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने जिनपिंग को स्पष्ट संदेश दिया कि सीमाओं पर शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि बातचीत और कूटनीति के जरिए ही सभी मतभेदों का समाधान संभव है।

विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के मद्देनजर यह बातचीत बेहद अहम मानी जा रही है। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत, शांति और स्थिरता का पक्षधर है, लेकिन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।

ऑपरेशन सिंधूर का जिक्र और पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया सम्मेलन में एक और अहम मुद्दा “ऑपरेशन सिंधूर” को लेकर सामने आया, जिसे भारत ने मई की शुरुआत में पुलवामा जैसे आतंकी हमले के जवाब में अंजाम दिया था। भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में आतंकी ठिकानों पर हमला कर सैकड़ों आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। हालांकि उस दौरान चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया था, जिससे भारत-चीन संबंधों में तनाव भी बढ़ा।

विदेश सचिव ने बताया कि “ऑपरेशन सिंधूर के वक्त चीन ने पाकिस्तान को समर्थन दिया था, लेकिन इस बार भारत की स्थिति और प्रस्तुति इतनी मजबूत थी कि चीन को भारत का साथ देना पड़ा।” सम्मेलन में पीएम मोदी ने इस ऑपरेशन का उल्लेख करते हुए यह बताया कि भारत ने आतंक के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं, और यह लड़ाई केवल भारत की नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की है।

भारत की कूटनीतिक जीत इस बार के SCO सम्मेलन को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। पाकिस्तान को सीधे तौर पर आतंकवाद के मुद्दे पर घेरना और चीन से इस पर समर्थन हासिल करना, दोनों ही भारत की विदेश नीति की मजबूती को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के मुद्दे पर मुखर रहेगा और किसी भी देश को इस पर चुपचाप समर्थन नहीं करने देगा।

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