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तिरंगे में लिपटा लौटा हिमाचल का लाल: शहीद हवलदार अरुण कुमार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई

shrdhanjali

अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के वीर जवान हवलदार अरुण कुमार (लक्की) का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह उनके पैतृक गांव चताड़ा, ऊना पहुंचा। तिरंगे में लिपटा यह पार्थिव शरीर जैसे ही गांव की सीमा में पहुंचा, पूरा इलाका ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों से गूंज उठा। सेना की फूलों से सजी गाड़ी पर सवार शहीद को देखने के लिए सैकड़ों लोग उमड़ पड़े। हर आंख नम थी, लेकिन गर्व से सिर ऊंचा था। ग्रामीण ‘जब तक सूरज-चांद रहेगा, फौजी लक्की तेरा नाम रहेगा’ के नारे लगाते रहे। अरुण कुमार का पार्थिव शरीर अरुणाचल प्रदेश से एयरलिफ्ट कर चंडीगढ़ लाया गया, जहां से पूरे सम्मान के साथ उनके गांव पहुंचाया गया। गांव की गलियों से गुजरते समय लोगों ने फूलों की वर्षा कर अपने लाल को श्रद्धांजलि दी। घर पहुंचने पर माता-पिता, पत्नी, बच्चे और भाई का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इस मौके पर हमीरपुर के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा और पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर भी मौजूद रहे। सभी ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित कर परिवार को सांत्वना दी। सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के जवान हमेशा देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को तैयार रहते हैं और अरुण कुमार का बलिदान देश की सुरक्षा का प्रतीक है। विधायक विवेक शर्मा ने कहा कि हवलदार अरुण कुमार की देशभक्ति और समर्पण को देशवासी कभी नहीं भूल पाएंगे। गांव के श्मशान घाट पर हजारों लोग शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे। सेना के अधिकारियों और जवानों ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी और सैन्य रीति-रिवाजों के तहत अंतिम संस्कार किया गया। शहीद अरुण कुमार का बलिदान और उनकी वीरता आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।

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