शिमला नागरिक सभा ने घोषित किया विशाल आंदोलन, पानी, कूड़ा, ट्रैफिक और अन्य जनसुविधाओं पर सरकार से जवाबदेही की मांग
शिमला ।19।08।2025
शिमला: कालीबाड़ी हॉल में आयोजित शिमला नागरिक सभा के सम्मेलन में शहर के सैकड़ों नागरिक शामिल हुए। सम्मेलन में तय किया गया कि पानी, कूड़ा, प्रॉपर्टी टैक्स, स्वास्थ्य, बिजली, शहर में बस सुविधा, ट्रैफिक जाम, बंदरों और कुत्तों की समस्या, सरकारी स्कूलों को मजबूत करने और निजी स्कूलों की मनमानी व भारी फीसों सहित अन्य मुद्दों पर शिमला की जनता को लामबंद कर एक विशाल आंदोलन खड़ा किया जाएगा। सम्मेलन में 19 पदाधिकारियों सहित 75 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। अध्यक्ष पद पर जगमोहन ठाकुर, सचिव के रूप में विवेक कश्यप और कोषाध्यक्ष के रूप में सुनील वशिष्ठ को चुना गया। इसके अलावा वीरेंद्र ठाकुर, महेश वर्मा, डॉ. विजय कौशल, गोबिंद चितरांटा, हेमराज चौधरी, जगदीप पंवर, सोनिया सबरबाल, रमा रावत उपाध्यक्ष और बालक राम, भूपेंद्र सिंह, बरकत राज, संजीव खजूरिया, पवन शर्मा, कपिल शर्मा, अंकित दुबे व किशोरी ढटवालिया सह सचिव पदाधिकारियों के रूप में शामिल किए गए। सम्मेलन का उद्घाटन शिमला नागरिक सभा के भूतपूर्व अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने किया। सम्मेलन को जगत राम, समरहिल वार्ड पार्षद वीरेंद्र ठाकुर, संजीव खजूरिया, गोबिंद चितरांटा, एडवोकेट मोहन शर्मा, कपिल शर्मा, नवनिर्वाचित अध्यक्ष जगमोहन ठाकुर और सचिव विवेक कश्यप ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार और नगर निगम शिमला की जनविरोधी नीतियों के कारण शहर की जनता दिन-प्रतिदिन परेशान हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिमला नागरिक सभा 17 सितम्बर को उपायुक्त और नगर निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन करेगी, जिसमें सैकड़ों नागरिक भाग लेंगे। इसके पहले शहर में व्यापक जन जागरण अभियान चलाया जाएगा और वार्ड स्तर की समस्याओं को लेकर जनता को लामबंद किया जाएगा। सम्मेलन में यह भी कहा गया कि सरकार और नगर निगम की नवउदारवादी नीतियों से जनता भारी आर्थिक बोझ झेल रही है। स्मार्ट मीटर योजना और पानी व कूड़े के उच्च बिल, बढ़ते प्रॉपर्टी टैक्स और जनसुविधाओं का निजीकरण जनता पर भारी दबाव डाल रहा है। नागरिक सभा ने चेतावनी दी कि जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा किया जाएगा। इस आंदोलन की रूपरेखा कमेटी 27 अगस्त को अंतिम रूप देगी।