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24 सूत्रीय मांगों को लेकर एसटीपी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन का शिमला में जोरदार प्रदर्शन

शिमला। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन से सम्बद्ध सीटू ने सोमवार को शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर यूनियन का प्रतिनिधिमंडल निगम के एमडी इंजीनियर वीरेंद्र ठाकुर से मिला और उन्हें 24 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। डेढ़ घंटे चली बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी।

प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम, जिला सचिव हिमी देवी, यूनियन अध्यक्ष दलीप सिंह, महासचिव पंकज शर्मा, आउटसोर्स यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र लाल पामटा, होटल यूनियन अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

मजदूर नेताओं ने मांग उठाई कि एसटीपी और नेटवर्क में कार्यरत सभी मजदूरों को सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्तूबर 2016 के निर्णय अनुसार "समान काम का समान वेतन" दिया जाए और 12 मार्च 2024 के फैसले के मुताबिक उन्हें नियमित किया जाए। साथ ही एसटीपी कर्मचारियों के लिए अलग वेतन शेड्यूल बनाया जाए और न्यूनतम वेतन से 40 प्रतिशत अधिक भुगतान किया जाए, क्योंकि सीवरेज का काम खतरनाक और जोखिम भरा होता है।

यूनियन ने मांग की कि सभी एसटीपी को फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत किया जाए और मजदूरों को उसके अनुरूप सभी सुविधाएं दी जाएं। मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 और राष्ट्रीय सफाई आयोग की सिफारिशों के अनुसार सुरक्षा उपकरण जैसे पीपीई किट, ऑक्सीजन मास्क, गम बूट, हेलमेट, ग्लब्स, लाइफ जैकेट, सुरक्षा चश्मे, प्राथमिक उपचार किट आदि उपलब्ध कराए जाएं।

इसके अलावा मजदूरों के लिए चेंजिंग रूम, टॉयलेट, बाथरूम, पीने के पानी और एक्वागार्ड की सुविधा, पुराने स्टाफ क्वार्टर की मरम्मत और नए क्वार्टरों का निर्माण करने की भी मांग की गई। यूनियन ने वेतन समय पर देने, बोनस, सभी प्रकार की छुट्टियां, रिक्त पदों को भरने, ईपीएफ और ईएसआई की त्रुटियां सुधारने तथा वरिष्ठता के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि लागू करने पर भी जोर दिया।

मजदूर नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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