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अब मशीनें नहीं सिर्फ आदेश मानेंगी, सोचेंगी भी! आ गई है SI तकनीक, जो बना सकती है इंसानों से भी तेज दिमाग

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दुनिया अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ताकत को समझ ही रही थी कि अब उससे भी कहीं अधिक उन्नत तकनीक सिंथेटिक इंटेलिजेंस (SI) के आगमन की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। SI को AI का एडवांस वर्जन माना जा रहा है, जो सिर्फ पहले से मौजूद डेटा के आधार पर फैसले नहीं लेता, बल्कि इंसानों की तरह सोचने, तर्क करने और कल्पना करने की क्षमता भी रखता है।


AI जहां पुराने आंकड़ों और नियमों पर आधारित कार्य करता है, वहीं SI बदलती परिस्थितियों को समझकर अपनी सोच से निर्णय लेता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी मशीन को शतरंज खेलना सिखाया जाए, तो AI केवल नियमों को फॉलो करेगा, जबकि SI सामने वाले खिलाड़ी की रणनीति को समझेगा और उस पर प्रतिक्रिया देगा। यही नहीं, SI भावनाओं को भी समझ सकता है—जैसे कोई कहे "मैं गरीब हूं", तो यह तकनीक तय कर सकती है कि यह बात मजाक में कही गई है या सच में।


SI में रचनात्मकता भी होती है, जो किसी पुराने डेटा पर आधारित नहीं होती—यह खुद नई कहानियां, डिज़ाइन या समाधान गढ़ सकता है। इसीलिए कहा जा रहा है कि भविष्य में असली बदलाव AI नहीं, बल्कि SI लेकर आएगा, और इंसानों जैसी सोच रखने वाली मशीनें तकनीक की परिभाषा ही बदल देंगी।


हालांकि, विशेषज्ञ यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि इस तकनीक का दुरुपयोग न हो, इसके लिए पहले से ही नियंत्रण और दिशा तय करना बेहद जरूरी है।

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