यूएई गेंदबाज़ का खुलासा: 12 साल की उम्र में ही दिखा था शुभमन गिल का टैलेंट
यूएई के बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ सिमरनजीत सिंह ने भारतीय बल्लेबाज़ शुभमन गिल को लेकर एक दिलचस्प खुलासा किया है। सिमरनजीत ने कहा कि उन्होंने शुभमन को पहली बार साल 2011-12 के दौरान देखा था, जब वह महज 11 या 12 साल का था। उस समय दोनों मोहाली में पीसीए अकादमी में अभ्यास किया करते थे। वह सुबह 6 बजे से 11 बजे तक अभ्यास करते थे और शुभमन अपने पिता के साथ रोज़ाना 11 बजे अकादमी पहुंचा करता था। तभी से उन्होंने शुभमन में विशेष प्रतिभा देखी थी।
सिमरनजीत ने कहा, “मैं शुभमन को तब से जानता हूं, जब वह बच्चा था। लेकिन वह मुझे याद करता है या नहीं, यह नहीं पता।” उन्होंने बताया कि तब शुभमन बहुत ही समर्पित और अनुशासित खिलाड़ी था, जो मैदान पर गंभीरता से मेहनत करता था।
सिमरनजीत ने अपने करियर के बारे में भी बताया कि उन्होंने पंजाब के लिए जिला क्रिकेट खेला और फिर 2017 में रणजी ट्रॉफी की संभावित टीम में भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि उन्होंने पंजाब के लिए नेट बॉलर के रूप में भी काम किया, लेकिन भारतीय टीम में जगह नहीं मिल सकी। इसके बाद कोविड-19 महामारी के दौरान उनका करियर ठहर सा गया और उन्हें भारत के लिए खेलने का सपना अधूरा लगने लगा।
2021 में सिमरनजीत को दुबई में अभ्यास के लिए 20 दिन का प्रस्ताव मिला, लेकिन कोविड की दूसरी लहर के कारण भारत लौटना मुश्किल हो गया और वे यूएई में ही रुक गए। उन्होंने बताया कि घरेलू क्रिकेट में तीन साल खेलने की आवश्यकता को पूरा करने के बाद उन्होंने यूएई टीम में जगह बनाई। अब तक वह यूएई के लिए 12 टी20 मैच खेल चुके हैं और 15 विकेट ले चुके हैं।
यूएई के कोच लालचंद राजपूत ने सिमरनजीत की तारीफ़ करते हुए उन्हें बेहद प्रतिभाशाली गेंदबाज़ बताया। उन्होंने कहा कि टी20 क्रिकेट में लगातार फ्लाइट से गेंदबाज़ी करने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती, लेकिन सिमरन को विकेट निकालना आता है।
सिमरनजीत ने बताया कि वह अब यूएई में जूनियर खिलाड़ियों को कोचिंग भी दे रहे हैं और इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। उन्होंने कहा, "अगर भारत में मुझे केंद्रीय अनुबंध मिल जाता तो शायद मैं आज भारत के लिए खेलता, लेकिन यूएई में मुझे पहचान और पैसा दोनों मिल रहा है।"
जब उनसे पूछा गया कि अगर भारत और यूएई के बीच मैच हो तो उनका परिवार किसका समर्थन करेगा, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "यह कठिन फैसला है। मेरा सपना भारत के लिए खेलना था, लेकिन अब मैं यूएई के लिए खेल रहा हूं, तो लगता है कि परिवार भी यूएई को ही सपोर्ट करेगा।"