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उत्तराखंड-हिमाचल में बादल फटने से तबाही: नदियों का प्रकोप, 7 की मौत, सैकड़ों प्रभावित

utarakhand

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने पहाड़ों में तबाही मचा दी है। शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के मोपाटा गांव में बादल फटने से भारी मलबा गांव में घुस गया। तेज बहाव ने कई घरों और खेतों को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हो गए, जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हो गए हैं। घायलों का इलाज नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है। इसके अलावा, एक गौशाला मलबे में दब गई जिसमें करीब 15 से 20 मवेशियों के दबे होने की आशंका है।

बादल फटने की सूचना मिलते ही प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुट गईं, लेकिन लगातार बारिश और दुर्गम रास्तों की वजह से राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज गति से किए जा रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को हालात पर लगातार नजर रखने और जरूरतमंद लोगों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

इसी बीच रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। खासकर संगम क्षेत्र में पानी रिहायशी इलाकों में घुस चुका है। प्रसिद्ध हनुमान मंदिर नदी की धारा में डूब गया है और केदारनाथ मार्ग पर बना पुल बह जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। इससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भी भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी नुकसान पहुंचाया है। अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कम से कम 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। भूस्खलन से बिजली और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।

प्रशासन की ओर से प्रभावित इलाकों में राहत शिविर बनाए गए हैं और एसडीआरएफ टीमें लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारों से दूर रहें और अफवाहों से बचें।

इस प्राकृतिक आपदा ने उत्तराखंड और हिमाचल में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों में तबाही का मंजर लोगों को डरा रहा है और अब भी कई जगह हालात बिगड़े हुए हैं।

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