763 सांसदों में से 306 पर आपराधिक मामले, 194 पर गंभीर धाराएँ – विवेक शर्मा
सोलन। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश की राजनीति में अपराध का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है। एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की रिपोर्ट के अनुसार, संसद के दोनों सदनों (राज्यसभा व लोकसभा) के कुल 763 सांसदों में से 306 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि इनमें से 194 सांसद गंभीर अपराधों के आरोपी हैं।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 150 सांसदों पर महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं। वहीं, 1861 पूर्व और वर्तमान विधायकों पर 4474 आपराधिक मामले विचाराधीन हैं।
शर्मा ने कहा कि इन चुनौतियों को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने "गंभीर अपराध विधेयक" संसद में प्रस्तुत किया है। इस विधेयक में न्यायिक पारदर्शिता को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी माननीय को 30 दिन के भीतर जमानत मिल जाती है तो वे अपने संवैधानिक पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन जमानत न मिलने पर पद छोड़ने की नैतिक जिम्मेदारी भी तय होगी।
उन्होंने कहा कि 2005 में रिप्रेजेंटेशन ऑफ पब्लिक एक्ट 1951 की धारा 8(4) को लेकर सुप्रीम कोर्ट का 2013 का फैसला ऐतिहासिक रहा, जिसमें कहा गया कि यदि किसी सांसद या विधायक को दो साल की सजा होती है तो उसकी सदस्यता तुरंत खत्म होगी।
विवेक शर्मा ने विपक्ष की आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह विधेयक केवल विरोधियों को दंडित करने के लिए नहीं बल्कि ईमानदार और योग्य कार्यकर्ताओं के लिए रास्ता खोलने का प्रयास है। जब भ्रष्ट नेता जेल जाएंगे तो राजनीति में योग्य और राष्ट्रहित में सोचने वाले लोग आगे आएंगे।"
उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दल दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस विधेयक का स्वागत करें और इसे तुरंत कानून का रूप दिया जाए।